[ Featuring Laxmikant Pyarelal, Suman Kalyanpur ]
ओ मेरे महबूब महफ़िल में जो सरेआम आ गए
तु राही झुक गयी पैमानो के सलाम आ गए
और फिर महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
सखि के गोरे हाथ लगा चूमने
चूमने चूमने
तो चुमता ही चुमता चला गया
महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
लगता है सादगी में भी हंसी हंसी
होता है बात बात पे यकीं यकीं
लगता है सादगी में भी हंसी हंसी
होता है बात बात पे यकीं यकीं
तो हम ख्याल हमसफ़र तो हम नशी
मेरे महबूब सा कोई नहीं कोई नहीं कोई नहीं
मेरे महबूब को जो भी लगा देखने
तो देखते ही देखते चला गया
मेरे महबूब को जो भी लगा देखने
तो देखते ही देखते चला गया
महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
नीयत क्या है तेरी खूब जानती हु
इरादे को तेरे सनम मैं पहचानती हूँ
नीयत क्या है तेरी खूब जानती हु
इरादे को तेरे सनम मैं पहचानती हूँ
मतलब तेरी नज़र का जानती हु
फिर भी मैं इसको मानती ही मानती हु मानती हु
बातो से तेरी दिल जो लगा सोचने
तो सोचता ही सोचता चला गया
बातो से तेरी दिल जो लगा सोचने
तो सोचता ही सोचता चला गया
महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
वो नज़र बाज़ का दिल ऐडा और नाज़ का दिल
वो बेनियाज़ का दिल के हर अंदाज़ का दिल
मेरी उमंग में हर दांग में
हर भांग में हर रंग में ओ हो
घटाये जानती है हवाये जानती है
निगाहे जानती है ये बहे जानती है
आँखों में शरारत है
शरारत में नज़ाकत है
नज़ाक़त में अदावत है
अदावत में मोहब्बत है
ये बेहिसाब आँखे ये निमुखाब आँखे
ये पुरशबाब आँखे ये बेनक़ाब आँखे
आ इधर उधर यहाँ वहा
मेरा सनम गया जहां
आँखों में मै जो उसकी लगा डुबने
तो डूबते ही डूबता चला गया
आँखों में मै जो उसकी लगा डुबने
तो डूबते ही डूबता चला गया
साकी के गोरे हाथ लगा चूमने
चूमने चूमने
तो चुमता ही चुमता चला गया
महफ़िल में पैमाना जो लगा झूमने
तो झुमता ही झूमता चला गया
तो झुमता ही झूमता चला गया