मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मैने जाने क्या सुन लिया तूने तो कुछ कहा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मैं ये समझा मेरे दिल की कोई हसरत निकल गई
मैं ये समझा मेरे दिल की कोई हसरत निकल गई
तूने देखा मुझे ऐसे के तबियत मचल गई
वरना तेरे सर की क़सम आदमी मैं बुरा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी हाय
बे-अदब हूँ मैं दीवाना किस कदर तू ख़फ़ा हुई
बे-अदब हूँ मैं दीवाना किस कदर तू ख़फ़ा हुई
छू लिया क्यों बदन तेरा तौबा कैसी ख़ता हुई
सारी दुनिया में कोई मेरे लायक सज़ा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
चाँदनी रात में जैसे रुख़-ए-गुल पे किरनपड़ी
चाँदनी रात में जैसे रुख़-ए-गुल पे किरनपड़ी
बे-सबब रूठ कर तेरे माथे पे यूँ शिकन पड़ी
मेरे महबूब ये तेरी बेरुख़ी है अदा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं
मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं