न पूछो कोई हमें
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर यह पी लिया तोह
तोह थोड़ा सा जी लिया
ना पूछो कोई हमें
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर यह पी लिया तोह
तोह थोड़ा सा जी लिया
ना पूछो कोई हमें
पी के ना भूख लगे
ना रहे दर्द कोई
गरीबो का तोह नहीं
ऐसा हमदर्द कोई
कब तक हम आहें
भरते ना पिटे तोह क्या करते
पी गयी आज हमें
दस गए नाग हमें
सुना है ज़हर से
ही ज़हर मरा करता है
ना पूछो कोई हमें
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर यह पी लिया तो
तोह थोड़ा सा जी लिया
ना पूछो कोई हमें
मिट्टी के प्याले जैसा
सभी मुझे तोड़ गए
खाली बोतल की
तरह रास्ते में छोड़ गए
झूठे तोह पूजे जाएँ
सजा यह सच्चे पाए
जुल्म निर्दोष रहा
न्याय खामोश रहा
तू भी भगवन क्या
इंसाफ किया करता है
ना पूछो कोई हमें
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर यह पी लिया तोह
थोड़ा सा जी लिया
थोड़ा सा जी लिया