[ Featuring Lata Mangeshkar ]
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखु जिसे सुबह शाम
बोलो जी बोलो ये राज़ खोला
हम भी सुने दिल को थाम
या तो है दाहरति या है गगन
या तो है सूरज या है पवन
ुहु उसका तो सजन है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखु जिसे सुबह शाम
हे ओ
मस्ती में गए दिल को लुभाए
कानो में मिश्री सी घोल
बोलो जी बोलो ये राज़ खोला
मेरा भी मन आज डोले
या तो कोयल की है रागिनी
या तो पायल है या बांसुरी
न उसका तो सजनि है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखु जिसे सुबह शाम
बहकी बहकी चल है उसकी
झूमे वो आवारा
बोलो जी बोलो ये राज़ खोला
किसकी तरफ है इशारा
बोलो किसकी तरफ है इशारा
या तो जोगी है या पागल
या तो बदल है या ाचल
ुहु उसका तो प्रियतम है नाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई
देखु जिसे सुबह शाम
सपनो की रनोई जीवन में आये पथ में नयी रौशनी हो
तुम मेरी दुनिया तुम मेरी मंज़िल
तुम ही मेरी ज़िन्दगी हो
मेरे साथ चल मेरे हमसफ़र
चाहे शाम हो या हो शहर
इन बाहो में बाहो को थाम
नैनों में दर्पण है
दर्पण में कोई(दर्पण में कोई)
देखु जिसे सुबह शाम(देखु जिसे सुबह शाम)
लललललल (हा)
लललललल (हा)