नीले अम्बर के दो नैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
एक दिन है तो एक रैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
किसे चाहे किसे न
मंदिर में दो मूरत हो तो
कोई पुजारी फूल चढ़ाए
एक मन में दो सुरत हो तो
कोई कैसे प्रीत निभाए
एक सच है तो एक सपना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
एक पैर ृंगीम बरखा बरसे
दूजे पर बिजली लहराये
एक बगिया में
बरखा बिजली
दोनों है एक संग समाये
दोनों मने उसे अपना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
कभी कभी किस्मत अन्जाने
ऐसे दो रहे पैर लए
प्यार जहा बन जाये उल्जन
पागल मन कुछ समझ न पाये
चले मन पर कोई बस नाम
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न
एक दिन है तो एक रैना
किसे चाहे किसे न
नीले अम्बर के दो नैना
दो नैना किसे चाहे किसे न