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Kishore Kumar - Tera Chehra Mujhe Gulab Lage Lyrics

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Kishore Kumar - Tera Chehra Mujhe Gulab Lage Lyrics
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तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
पढ़ता रहता हूँ तेरी सूरत को
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
जब भी चमके घटा में बिजली
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
प्यार शायद इसी को कहते हैं
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
दोनो आलम में लाजवाब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
शब को देखूं तो महताब लगे
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तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
पढ़ता रहता हूँ तेरी सूरत को
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
तेरी आँखों की मस्तियां तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
जब भी चमके घटा में बिजली
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे

तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
तुझको देखूं तो किस तरह देखूं
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
प्यार शायद इसी को कहते हैं
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
एक मुझसे ही क्यूँ हिजाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनो आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूं तो आफ़ताब लगे
शब को देखूं तो महताब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
दोनो आलम में लाजवाब लगे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
शब को देखूं तो महताब लगे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANU MALIK, JAIPURI HASRAT
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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