हैरान है हम हुवे क्यूँ तुम गैरों से
कैसा है ग़म बोलो न तुम होंठो से
हैरान है हम हुवे क्यूँ तुम गैरों से
कैसा है ग़म बोलो न तुम होंठो से
न तुम हो बेवफ़ा न मैं भी हूँ
फिर भी है हम जुदा में क्या कहूँ
न जाने वक़्त की मर्ज़ी है क्या
क्यूँ है मिली ये दूरियाँ
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ
तेरे बिन जो दिन आया
काटे न वो कट पाया
कमी तेरी खल सी जाती है
तेरे बिन जो शाम आयी
बढ़ी दिल की तन्हाई
मेरी आँखें भर सी जाती है
कुछ तुम मुझ से खफा
कुछ मैं भी हूँ
है क्या इस की वजह मैं क्या कहूँ
न जाने वक़्त की मर्ज़ी है क्या
क्यूँ है मिली ये दूरियां
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ हा
ओ मेरी जाँ हा उ वो ओ
ओ मेरी जाँ हा
तुझे दिल से था चाहा
तू ही तो न मिल पाया
ख़ुशी मुझ को छल सी जाती है
मेरा तू था सरमाया
तुझे पाके न पाया
यही बातें चुभ सी जाती है
तन्हा तेरी तरह हाँ में भी हूँ
दोनों है ग़म ज़दा मैं क्या कहूँ
न जाने वक़्त की मर्ज़ी है क्या
क्यूँ है मिली ये दूरियां
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ
ओ मेरी जाँ हा
ओ मेरी जाँ हा