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Ganesh Utsav Ki Mahima Video (MV)




Performed By: Kshitij Tarey
Length: 5:57
Written by: Kshitij Tarey




Kshitij Tarey - Ganesh Utsav Ki Mahima Lyrics
Official




वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
वक्रतुण्ड हे महाकाय प्रभु उमा शंभु संतान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

माँ गौरी के ध्यान में आए प्रभु उबटन में प्रकट हुए
मात्र भक्त बन रक्षक बनते महादेव से युद्ध किए

महादेव से युद्ध किए, महादेव से युद्ध किए
महादेव से युद्ध किए, महादेव से युद्ध किए

माँ गौरी के ध्यान में आए प्रभु उबटन में प्रकट हुए
मात्र भक्त बन रक्षक बनते महादेव से युद्ध किए
शिव त्रिशूल से कटा शीश तो नीयती ने खेल रचाया
एक नवजात गज के बालक का उसपर शीश लगाया
गज के शीश से बने गजानन, जगत करे गुणगान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

एक दिन हुई भी प्रतिस्पर्धा: देवों में कौन हो प्रथमेश्वर
शिव ने कहा ब्रह्मांड परिक्रमा जो भी लगाए प्रथम चक्कर

जो भी लगाए प्रथम चक्कर, जो भी लगाए प्रथम चक्कर
जो भी लगाए प्रथम चक्कर, जो भी लगाए प्रथम चक्कर

एक दिन हुई भी प्रतिस्पर्धा: देवों में कौन हो प्रथमेश्वर
शिव ने कहा ब्रह्मांड परिक्रमा जो भी लगाए प्रथम चक्कर
सभी देवता अपने-अपने वाहन बैठ के हैं चलते
लेकिन श्री गणेश जी पितमाह् परिक्रमा ही करते
सबसे आगे लंबोदर सब देव देख हैरान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

भादो शुक्ल चतुर्थी को प्रभु जी घर-घर हैं आते
लोकमान्य तिलक ने चलाई प्रथा सभी हैं अपनाते

प्रथा सभी हैं अपनाते, प्रथा सभी हैं अपनाते
प्रथा सभी हैं अपनाते, प्रथा सभी हैं अपनाते

भादो शुक्ल चतुर्थी को प्रभु जी घर-घर हैं आते
लोकमान्य तिलक ने चलाई प्रथा सभी हैं अपनाते
मूर्ति स्थापना, पूजन, कीर्तन, व्रत, भंडारे हैं करते
श्री गणेश उत्सव हैं मनाते अंत में विदाई देते
सच्चे मन से जो भी पूजते मिलता उन्हें वरदान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड हे महाकाय प्रभु उमा शंभु संतान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
वक्रतुण्ड हे महाकाय प्रभु उमा शंभु संतान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

माँ गौरी के ध्यान में आए प्रभु उबटन में प्रकट हुए
मात्र भक्त बन रक्षक बनते महादेव से युद्ध किए

महादेव से युद्ध किए, महादेव से युद्ध किए
महादेव से युद्ध किए, महादेव से युद्ध किए

माँ गौरी के ध्यान में आए प्रभु उबटन में प्रकट हुए
मात्र भक्त बन रक्षक बनते महादेव से युद्ध किए
शिव त्रिशूल से कटा शीश तो नीयती ने खेल रचाया
एक नवजात गज के बालक का उसपर शीश लगाया
गज के शीश से बने गजानन, जगत करे गुणगान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

एक दिन हुई भी प्रतिस्पर्धा: देवों में कौन हो प्रथमेश्वर
शिव ने कहा ब्रह्मांड परिक्रमा जो भी लगाए प्रथम चक्कर

जो भी लगाए प्रथम चक्कर, जो भी लगाए प्रथम चक्कर
जो भी लगाए प्रथम चक्कर, जो भी लगाए प्रथम चक्कर

एक दिन हुई भी प्रतिस्पर्धा: देवों में कौन हो प्रथमेश्वर
शिव ने कहा ब्रह्मांड परिक्रमा जो भी लगाए प्रथम चक्कर
सभी देवता अपने-अपने वाहन बैठ के हैं चलते
लेकिन श्री गणेश जी पितमाह् परिक्रमा ही करते
सबसे आगे लंबोदर सब देव देख हैरान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

भादो शुक्ल चतुर्थी को प्रभु जी घर-घर हैं आते
लोकमान्य तिलक ने चलाई प्रथा सभी हैं अपनाते

प्रथा सभी हैं अपनाते, प्रथा सभी हैं अपनाते
प्रथा सभी हैं अपनाते, प्रथा सभी हैं अपनाते

भादो शुक्ल चतुर्थी को प्रभु जी घर-घर हैं आते
लोकमान्य तिलक ने चलाई प्रथा सभी हैं अपनाते
मूर्ति स्थापना, पूजन, कीर्तन, व्रत, भंडारे हैं करते
श्री गणेश उत्सव हैं मनाते अंत में विदाई देते
सच्चे मन से जो भी पूजते मिलता उन्हें वरदान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड हे महाकाय प्रभु उमा शंभु संतान
जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

जय हो श्री गणेश भगवान, करो वंदना आरती ध्यान

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
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Writer: Kshitij Tarey
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