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Kumar Sanu - Chand Sitare Lyrics

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Kumar Sanu - Chand Sitare Lyrics
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ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

चाँद सितारें फूल और खुशबू
चाँद सितारें फूल और खुशबू
ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
अरे काली घटायें बरखा सावन हो
काली घटायें बरखा सावन
ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

तू रु तू रु तू रु तू रु तू तू रु
अंदाज हैं उसके नये नये
है नया नया दीवानापन हो
अंदाज हैं उसके नये नये
है नया नया दीवानापन
पहना के ताज जवानी का
हस के लौट गया बचपन
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें हो
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें
उसके नये तराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
हे हे हे हे हे ह्म ह्म ह्म ह्म
है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन हो
है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन
बिन गहने और सिंगार बिना
वो तो लगती है दुल्हन
काजल बिंदियां कंगन झुमके हो
अरे काजल बिंदियां कंगन झुमके
ये तो गुज़रे जमाने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला ह्म ह्म ह्म (ओ ओ ओ ओ)
ओ ओ(ल ला ला)
चाँद सितारें फूल और खुशबू
ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
काली घटायें बरखा सावन
ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला ल ला(ला ल ला ला)
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ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

चाँद सितारें फूल और खुशबू
चाँद सितारें फूल और खुशबू
ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
अरे काली घटायें बरखा सावन हो
काली घटायें बरखा सावन
ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

तू रु तू रु तू रु तू रु तू तू रु
अंदाज हैं उसके नये नये
है नया नया दीवानापन हो
अंदाज हैं उसके नये नये
है नया नया दीवानापन
पहना के ताज जवानी का
हस के लौट गया बचपन
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें हो
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें
उसके नये तराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
हे हे हे हे हे ह्म ह्म ह्म ह्म
है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन हो
है रूप में इतना सादापन
तो कितना सुंदर होगा मन
बिन गहने और सिंगार बिना
वो तो लगती है दुल्हन
काजल बिंदियां कंगन झुमके हो
अरे काजल बिंदियां कंगन झुमके
ये तो गुज़रे जमाने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला ह्म ह्म ह्म (ओ ओ ओ ओ)
ओ ओ(ल ला ला)
चाँद सितारें फूल और खुशबू
ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
काली घटायें बरखा सावन
ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है
हम उस के दीवाने है
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला
ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म(ओ ओ ओ ओ ओ)
ल ला ला ल ला ला ल ला(ला ल ला ला)
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Writer: Kumar Sawan Tak, Roshan Rajesh
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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Performed By: Kumar Sanu
Length: 6:38
Written by: Kumar Sawan Tak, Roshan Rajesh

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