वहां ले आयी कोई खता जहाँ से मंज़िल का ना पता
वहीँ फिर लेके चलो मुझको जहाँ से भूले थे रस्ता
वहां ले आयी कोई खता जहाँ से मंज़िल का ना पता
वहीँ फिर लेके चलो मुझको जहाँ से भूले थे रस्ता
जब कोई बात बिगड़ जाये
जब कोई मुश्किल पड़ जाये
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज