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Kumar Sanu - Raat Kali Ek Khwab Lyrics

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Kumar Sanu - Raat Kali Ek Khwab Lyrics
Official




हम्म हम्म हम्म
हे हे हे हे हे
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

चाहे कहो इसे, मेरी मोहब्बत
चाहे हँसीं में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं
हो सके, तुम ही बता दो
चाहे कहो इसे, मेरी मोहब्बत
चाहे हँसीं में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं
हो सके, तुम ही बता दो
तुमने कदम तो, रखा ज़मीं पर
सीने में क्यों झंकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

यूँ तो हसीनों के, महजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
यूँ तो हसीनों के, महजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूँ, ऐसी तमन्ना
एक नहीं, कई बार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
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हम्म हम्म हम्म
हे हे हे हे हे
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

चाहे कहो इसे, मेरी मोहब्बत
चाहे हँसीं में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं
हो सके, तुम ही बता दो
चाहे कहो इसे, मेरी मोहब्बत
चाहे हँसीं में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं
हो सके, तुम ही बता दो
तुमने कदम तो, रखा ज़मीं पर
सीने में क्यों झंकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई

यूँ तो हसीनों के, महजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
यूँ तो हसीनों के, महजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूँ, ऐसी तमन्ना
एक नहीं, कई बार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
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Writer: Bablu Chakraborty, Majrooh, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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