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Kumar Sanu - Sach Pucho To Naari Lyrics

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Kumar Sanu - Sach Pucho To Naari Lyrics
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मेहँदी टुटी पीसी छनि
घुली रचि तब रंग लाल हुआ
औरत का भी इस दुनिया में
मेहँदी जैसा हाल हुआ

सच पूछो तो नारी जीवन
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है

आ आ आ
आ आ

टूट ना जाये चुडिया इसकी (आ आ)
मांग ना सुनी हो जाये (आ आ)
अपना धरम निभाने को
चुप चाप चली है ये हाय

मेहँदी की लाली का नारि (आ आ)
कैसा मोल चुकाती है (आ आ)
अपनी अर्थी को जीते जी
अपने आप उठती है
इसका कोई दोष नहीं पर
भाग्य ही इसका फूटा है
आ आ
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहंदी का बूटा है

गंगा जल सी पावन है (आ आ)
पर किस किस को समझाएगी (आ आ)
हर खिडकी हर दरवाजे से
एक उंगली उठ जाएगी
सीता बन कर भी नारी को (आ आ)
चैन मिला ना जीवन भर (आ आ)
बाहर है रावण की चिंता
और घर में है राम का दर
इसकी लाज तो बच गयी पर
विश्वास का दर्पण टुटा है
आ आ आ
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है

सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
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मेहँदी टुटी पीसी छनि
घुली रचि तब रंग लाल हुआ
औरत का भी इस दुनिया में
मेहँदी जैसा हाल हुआ

सच पूछो तो नारी जीवन
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है

आ आ आ
आ आ

टूट ना जाये चुडिया इसकी (आ आ)
मांग ना सुनी हो जाये (आ आ)
अपना धरम निभाने को
चुप चाप चली है ये हाय

मेहँदी की लाली का नारि (आ आ)
कैसा मोल चुकाती है (आ आ)
अपनी अर्थी को जीते जी
अपने आप उठती है
इसका कोई दोष नहीं पर
भाग्य ही इसका फूटा है
आ आ
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है
सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहंदी का बूटा है

गंगा जल सी पावन है (आ आ)
पर किस किस को समझाएगी (आ आ)
हर खिडकी हर दरवाजे से
एक उंगली उठ जाएगी
सीता बन कर भी नारी को (आ आ)
चैन मिला ना जीवन भर (आ आ)
बाहर है रावण की चिंता
और घर में है राम का दर
इसकी लाज तो बच गयी पर
विश्वास का दर्पण टुटा है
आ आ आ
कदम कदम पर इस अबला को
हर रिश्ते ने लूटा है (आ आ)
हर रिश्ते ने लूटा है

सच पूछो तो नारी जीवन (आ आ)
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
एक मेहँदी का बूटा है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Rani Malik
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Shemaroo Entertainment Limited
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Performed By: Kumar Sanu
Length: 5:03
Written by: Rani Malik

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