[ Featuring Anwar, Sadhana Sargam ]
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगे
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगे
हर चीज पास आती हुई
हर चीज पास आती हुई
दूर ही लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगे
जिसे ज़िंदगी कहते है
एक राज़ है वो गहरा
पतझड़ के साथ समान
दरिया के साथ सेहरा
जिसे ज़िंदगी कहते है
एक राज़ है वो गहरा
पतझड़ के साथ समान
दरिया के साथ सेहरा
कभी दोस्ती लगी तो ओ
कभी दोस्ती लगी तो
कभी दुश्मनी लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगे
आ आ आ आ आ
दिल दिल के बीच लाखो पर्दे पड़े हुए है
दिल दिल के बीच लाखो पर्दे पड़े हुए है
खामोश साहिलो पर तूफान खड़े हुए है
होतो की हसी औ
होतो की हसी आज
मुझे बेबसाई लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगी
ना ही एक ज़िन्दगी को मज़बूरी एक नदी है
ना ही एक ज़िन्दगी को मज़बूरी एक नदी है
पैदा हुई जहा पर जाकर वहा मिलती है
सच बात सुनके सब को औ
सच बात सुनके सब को अक्सर बुरी लगी है
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगे
इस ज़िंदगी के सिलसिले कितने अजीब है
जो थे नज़र से दूर वो जान के करीब है
इस ज़िंदगी के सिलसिले कितने अजीब है
जो थे नज़र से दूर वो जान के करीब है
हमको तो ज़िंदगी औ
हमको तो ज़िंदगी खुशी की लौटरी लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगी
हर चीज पास आती हुई
हर चीज पास आती हुई
दूर ही लगी
ज़िंदगी से जब मिले अजनबी लगी