ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना
एक दिन तो समझ लेगी दुनिया तेरा अफ़साना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना
अरमान भरे दिल में, ज़ख़्मों को जगह दे दे
भड़के हुए शोलों को कुछ और हवा दे दे
बनती है तो बन जाये ये ज़िन्दगी अफ़साना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना
फरियाद से क्या हासिल, रोने से नतीजा क्या
बेकार हैं ये बातें, इन बातों से होगा क्या
अपना भी घड़ी भर में बन जाता है बेगाना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से