Back to Top

Lata Mangeshkar - Ashi Nisha Punha Kadhi Lyrics

theme

Lata Mangeshkar - Ashi Nisha Punha Kadhi Lyrics
Official





अशी निशा अशी निशा पुन्हा कधी दिसेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
अशी निशा पुन्हा कधी दिसेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं
आ आ आ आ

सुरम्य चंद्रबिंब तारकावली
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
सुरम्य चंद्रबिंब तारकावली
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
ढगांत ढगांत चंद्र मग जरा लपेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का

सुगंध रातराणिचा तरंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
सुगंध रातराणिचा तरंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
दंवात दंवात मग धरा जरा भिजेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं
आ आ आ आ

विशाल तो कदंब झेली चांदणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
विशाल तो कदंब झेली चांदणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
अशीच अशीच ऊर्मि अंतरीं निवेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं आ आ आ आ
हं हं हं हं हं आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




अशी निशा अशी निशा पुन्हा कधी दिसेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
अशी निशा पुन्हा कधी दिसेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं
आ आ आ आ

सुरम्य चंद्रबिंब तारकावली
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
सुरम्य चंद्रबिंब तारकावली
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
निशा चढे निशेत चोरपाउलीं
ढगांत ढगांत चंद्र मग जरा लपेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का

सुगंध रातराणिचा तरंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
सुगंध रातराणिचा तरंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
प्रशांत धुंद आसमंत पेंगतो
दंवात दंवात मग धरा जरा भिजेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं
आ आ आ आ

विशाल तो कदंब झेली चांदणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
विशाल तो कदंब झेली चांदणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
मिठीत भान हरपुनी सुखावणे
अशीच अशीच ऊर्मि अंतरीं निवेल का
अशी धरा असे गगन सजेल का
हं हं हं हं हं आ आ आ आ
हं हं हं हं हं आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Yeshwant Deo
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Lata Mangeshkar Ashi Nisha Punha Kadhi Video

Tags:
No tags yet