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Lata Mangeshkar - Badal Yun Garajta Hai Lyrics

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Lata Mangeshkar - Badal Yun Garajta Hai Lyrics
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बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
ऐसे दिल धड़कता है
अरे ऐसे दिल धड़कता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
बस कुछ भी हो सकता है
अरे बस कुछ भी हो सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
देखें कौन ठहरता है
अरे देखें कौन ठहरता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
दिल फिर भी मिल सकता है
हो दिल फिर भी मिल सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
आ हां आ हां लाला ला लाला ला
अहम लाला ला
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बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान
बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान
ऐसे दिल धड़कता है
अरे ऐसे दिल धड़कता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम
आग बरसती है सावन में पानी का है नाम
बस कुछ भी हो सकता है
अरे बस कुछ भी हो सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
तौबा हुस्न ए यार बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार
देखें कौन ठहरता है
अरे देखें कौन ठहरता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार
आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार
दिल फिर भी मिल सकता है
हो दिल फिर भी मिल सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी
बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है
आ हां आ हां लाला ला लाला ला
अहम लाला ला
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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