भई बैरन काली रतिया
मोरि कौन सुने हाय बतिया
अटरिया सुनि रात सुनि रात है
किसे सौतन घर रह गया
ओ साजन बात ताकत मैं तो हारी
किसे सौतन घर रह गया
ओ साजन बात ताकत मैं तो हारी
क्यों राधा बिसराई मन से बदल गयो बनवारी
क्यों राधा बिसराई मन से बदल गयो बनवारी
तरसत पी चरनन को गालियाँ सजनिया फीकी पड़ गयी कालिया
अटरिया सुनि रात सुनि रात है
भई बैरन काली रतिया
मोरि कौन सुने हाय बतिया
अटरिया सुनि रात सुनि रात है
निकला आज ना पापी चंदा जो
पी का सन्देशवा लाता
निकला आज ना पापी चंदा जो
पी का सन्देशवा लाता
चार घडी बिरहँ की आके जुल्मी धीर बाँधाता
चार घडी बिरहँ की आके जुल्मी धीर बाँधाता
मोरे हाल पे हसते तारे तारे किसके बने सहारे
अटरिया सुनि रात सुनि रात है
भई बैरन काली रतिया
मोरि कौन सुने हाय बतिया
अटरिया सुनि रात सुनि रात है
भई बैरन काली रतिया