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Lata Mangeshkar - Bhor Bhaye Panghat Pe Lyrics

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Lata Mangeshkar - Bhor Bhaye Panghat Pe Lyrics
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हो ओ ओ ओ आ आ

ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ

भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे

कोई सखी
सहेली नहीं
संग मैं अकेली
कोई देखे तोह यह जाने
पनिया भरने के बहाने घगरी उठाये
राधा शाम से हाये हाये शाम से
मिलने जाए हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे

आये पवन झकोरा
टूटे अंग अंग मोरा
चोरी चोरी चुपके चुपके
बैठा कही पे वह चुपके
देखे मुस्काये
निर्लज को
निर्लज को लाज न आवै हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे

मैं न मिलू डगर मैं
तोह वह चला आये घर मैं
मैं दु गाली मैं दु झिडकी
मैं न खोलू बंद खिडकी
नींदिया जो आये
तोह वह कंकर हाये हाये कंकर
मार जगाये हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये हाये का करु
हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे
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हो ओ ओ ओ आ आ

ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ

भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे

कोई सखी
सहेली नहीं
संग मैं अकेली
कोई देखे तोह यह जाने
पनिया भरने के बहाने घगरी उठाये
राधा शाम से हाये हाये शाम से
मिलने जाए हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे

आये पवन झकोरा
टूटे अंग अंग मोरा
चोरी चोरी चुपके चुपके
बैठा कही पे वह चुपके
देखे मुस्काये
निर्लज को
निर्लज को लाज न आवै हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
भोर भये पनघट पे

मैं न मिलू डगर मैं
तोह वह चला आये घर मैं
मैं दु गाली मैं दु झिडकी
मैं न खोलू बंद खिडकी
नींदिया जो आये
तोह वह कंकर हाये हाये कंकर
मार जगाये हाये
भोर भये पनघट पे
मोहे नट्खट शाम सताए
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करु हाये हाये का करु
हाये राम हाये हाये
भोर भये पनघट पे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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