चल दिए देके गम ये न सोचा के हम
इस जहाँ में अकेले किधर जाएंगे
ऐसी मंज़िल पे छोड़ा है तुमने हमें
अब सहारा न दोगे तो मर जाएंगे
बिजलियों का न डर था न आंधी का गम
खो गए थे मोहब्बत की दुनिया में हम
क्या खबर थी की लुट जाएगा आशियाँ
क्या खबर थी की तिनके बिखर जाएंगे
चल दिए देके गम ये न सोचा के हम
इस जहाँ में अकेले किधर जाएंगे
याद करके तुम्हे रोयेंगे उम्र भर
चैन आएगा दिल को न शाम ओ शहर
ज़िन्दगी में रहेगी तुम्हारी कमी
दिन गुजरने को यूँ भी गुज़र जाएंगे
चल दिए देके गम ये न सोचा के हम
इस जहाँ में अकेले किधर जाएंगे
ऐसी मंज़िल पे छोड़ा है तुमने हमें
अब सहारा न दोगे तो मर जाएंगे