चंदन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
चंदन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष ना देना जगवालों
मुझे दोष ना देना जगवालों
हो जाए अगर दिल दीवाना
चंदन सा बदन, चंचल चितवन
ये विशाल नयन जैसे नील गगन
पंछी की तरह खो जाऊँ मैं
सरहाना जो हो तेरी बाहों का
अंगारों पे सो जाऊँ मैं
मेरा बैरागी मन डोल गया
मेरा बैरागी मन डोल गया
देखी जो अदा तेरी मस्ताना
चंदन सा बदन, चंचल चितवन
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहोत जरुरत है
पहले भी बहोत दिल तरसा है
पहले भी बहोत दिल तरसा है
तू और ना दिल को तरसाना
चंदन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना