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Dekho Dekho Ji Socho Ji Video (MV)




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Lata Mangeshkar - Dekho Dekho Ji Socho Ji Lyrics
Official




देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

ऐसे रूठो न हम से ख़ुदा के लिए
ऐसे रूठो न हम से ख़ुदा के लिए
के हम हैं तय्यार हर इक सजा के लिए
जो चाहे कह लो हम से
सुन लो हम से
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
के इश्क़ ऐसे में क्यूँ बेज़ुबान बन गया
हाँ छोडो न ही कह दो
कुछ तो बोलो
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

मेहबूब हमारे तुम्हें क्या पता
मेहबूब हमारे तुम्हें क्या पता
के हर कली बन गयी आज मेहबूबा
ऐसे में तुम भी हम को
दिलबर कह दो
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
[ Correct these Lyrics ]

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देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

ऐसे रूठो न हम से ख़ुदा के लिए
ऐसे रूठो न हम से ख़ुदा के लिए
के हम हैं तय्यार हर इक सजा के लिए
जो चाहे कह लो हम से
सुन लो हम से
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
हुस्न तो इश्क़ की दास्ताँ बन गया
के इश्क़ ऐसे में क्यूँ बेज़ुबान बन गया
हाँ छोडो न ही कह दो
कुछ तो बोलो
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम

मेहबूब हमारे तुम्हें क्या पता
मेहबूब हमारे तुम्हें क्या पता
के हर कली बन गयी आज मेहबूबा
ऐसे में तुम भी हम को
दिलबर कह दो
हाँ देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
देखो देखो जी
सोचो जी कुछ समझो जी
बाघों में फूलों के मेले हैं
फिर क्यों अकेले हैं
हम तुम हम तुम हम तुम हम तुम
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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