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Lata Mangeshkar - Dharti Ambar Nind Se Jaage Lyrics

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Lata Mangeshkar - Dharti Ambar Nind Se Jaage Lyrics
Official




[ Featuring Manna Dey ]

ह्म् म्म्म ह्म् म्म्म
ह्म् म्म्म ह्म् म्म्म

धरती अम्बर नींद से जागे

आह आ आ आ आ आ

धरती अम्बर नींद से जागे देखो अपने आँगन
सूरज की पहली किरणों में सब जग सुन्दर लागे
धरती अम्बर नींद से जागे

धरती अम्बर नींद से जागे देखो अपने आँगन
सूरज की पहली किरणों में सब जग सुन्दर लागे
धरती अम्बर नींद से जागे

धरती अम्बर नींद से जागे

चहक उठे बागो में पंछी
चहक उठे बागो में पंछी
चहक उठे बागो में पंछी
जमुना के तट पे बाजे बंसी
सपनो के वन में नील गगन में
एक एक करके चाँद सितारे छुप गए पीछे जाके
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

एक दूजे के साथ बँधे है
एक दूजे के साथ बँधे है
एक दूजे के साथ बँधे है
डोर मे ये दिन रात बँधे है
दोनो साथी की पत बाती (आह आ आ)
पर दिल रैन कभी नई मिलते एक आए एक भागे
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

रूप खिलाया रंग लगाया
रूप खिलाया रंग लगाया
रूप खिलाया रंग लगाया
रुत ये सवेरा खूब सजाया
बोलो कैसे ऐसे जैसे
आह आ आ कोई बहन भाई के हाथ पे बाँधे रेशमी धागे
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

देखो अपने आँगन (देखो अपने आँगन)
सूरज की पहली किरणों में (सूरज की पहली किरणों में)
सब जग सुन्दर लागे (सब जग सुन्दर लागे)
धरती अम्बर नींद से जागे (धरती अम्बर नींद से जागे)
धरती अम्बर नींद से जागे (आह आ आ)
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ह्म् म्म्म ह्म् म्म्म
ह्म् म्म्म ह्म् म्म्म

धरती अम्बर नींद से जागे

आह आ आ आ आ आ

धरती अम्बर नींद से जागे देखो अपने आँगन
सूरज की पहली किरणों में सब जग सुन्दर लागे
धरती अम्बर नींद से जागे

धरती अम्बर नींद से जागे देखो अपने आँगन
सूरज की पहली किरणों में सब जग सुन्दर लागे
धरती अम्बर नींद से जागे

धरती अम्बर नींद से जागे

चहक उठे बागो में पंछी
चहक उठे बागो में पंछी
चहक उठे बागो में पंछी
जमुना के तट पे बाजे बंसी
सपनो के वन में नील गगन में
एक एक करके चाँद सितारे छुप गए पीछे जाके
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

एक दूजे के साथ बँधे है
एक दूजे के साथ बँधे है
एक दूजे के साथ बँधे है
डोर मे ये दिन रात बँधे है
दोनो साथी की पत बाती (आह आ आ)
पर दिल रैन कभी नई मिलते एक आए एक भागे
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

रूप खिलाया रंग लगाया
रूप खिलाया रंग लगाया
रूप खिलाया रंग लगाया
रुत ये सवेरा खूब सजाया
बोलो कैसे ऐसे जैसे
आह आ आ कोई बहन भाई के हाथ पे बाँधे रेशमी धागे
धरती अम्बर नींद से जागे
धरती अम्बर नींद से जागे

देखो अपने आँगन (देखो अपने आँगन)
सूरज की पहली किरणों में (सूरज की पहली किरणों में)
सब जग सुन्दर लागे (सब जग सुन्दर लागे)
धरती अम्बर नींद से जागे (धरती अम्बर नींद से जागे)
धरती अम्बर नींद से जागे (आह आ आ)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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