दिल अपना और प्रीत पराई
किसने है ये रीत बनाई
आँधी में इक दीप जलाया
और पानी में आग लगाई
दिल अपना और प्रीत पराई
किसने है ये रीत बनाई
दिल अपना
है दर्द ऐसा कि सहना है मुश्किल
दुनियावालों से कहना है मुश्किल
घिरके आया है तूफ़ान ऐसा
बचके साहिल पे रहना है मुश्किल
घिरके आया है तूफ़ान ऐसा
बचके साहिल पे रहना है मुश्किल
दिल अपना और प्रीत पराई
किसने है ये रीत बनाई
आँधी में इक दीप जलाया
और पानी में आग लगाई
दिल अपना
दिल को सँभाला ना दामन बचाया
फैली जब आग तब होश आया
ग़म के मारे पुकारें किसे हम
हमसे बिछड़ा हमारा ही साया
ग़म के मारे पुकारें किसे हम
हमसे बिछड़ा हमारा ही साया
दिल अपना और प्रीत पराई
किसने है ये रीत बनाई
आँधी में इक दीप जलाया
और पानी में आग लगाई
दिल अपना