दुनिया बनानेवाले रामजी
गजब सा है तेरा इंतज़ाम
दुनिया बनानेवाले रामजी
गजब सा है तेरा इंतज़ाम
रोशनी करने को रोज सूरज आता
रात को चुप चाप चाँद पेहरा लगता
दसों दिशाओं में पावैं जम के धुलाता
लाख परिंदो का भीड़ झूम के गता
वाह रे वाह रे दाता अरे वाह रे वाह रे दाता क्या खूब तेरा काम
दुनिया बनानेवाले रामजी गजब सा है तेरा इंतज़ाम
दुनिया बनानेवाले रामजी
अजब तेरा जादू है अजब तेरा खेल
जलते हैं तारो के दिए रोज बिना तेल
आग का होता नहीं पानी से कभी मेल
फिर भी बादलो में लगी बिजलियो की बेल
गहरे समन्दर के भी अंदर है धूम धाम
दुनिया बनानेवाले रामजी गजब सा है तेरा इंतज़ाम
दुनिया बनानेवाले रामजी
कुछ जरूर है तेरी कुदरत में करामात
कुछ जरूर है कुछ जरूर है तेरी
कुदरत में करामात तेरे इशारे पे
यहाँ बन रही हर बात
यह जमीन यह गगन
यह प्रकाश यह पवन
यह समुद्र यह पहाड़ यह भी घटा समन
तूने हर एक चीज़ लूटा दी है बिना दाम
दुनिया बनानेवाले रामजी गजब सा है तेरा इंतज़ाम
दुनिया बनानेवाले रामजी