Back to Top

Lata Mangeshkar - Ghadi Se Kaho Zaraa Lyrics

theme

Lata Mangeshkar - Ghadi Se Kaho Zaraa Lyrics
Official




[ Featuring Kumar Sanu ]

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले
चाँद से कहो चले आहिस्ता
रात से कहो यहीं रुक जाए
रात से कहो यहीं रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले
चाँद से कहो चले आहिस्ता
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)

होंश की हद से निकल कर हम
डूब ही जाए मस्ती मे
ऐसे भी क्या रखा है
एस दो दिन की हस्ती मे

हा होंश की हद से निकल कर हम (हे हे)
डूब ही जाए मस्ती मे (हो हो)
ऐसे भी क्या रखा है
एस दो दिन की हस्ती मे

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)

जिस के लिए बेचैन थे हम (हे हे)
आए जमाने राहत के (हो हो)
उम्र से लंबे हो जाए
काश ये लम्हे चाहत के

जिस के लिए बेचैन थे हम
आए जमाने राहत के
उम्र से लंबे हो जाए
काश ये लम्हे चाहत के

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (चाँद से कहो चले आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए (रात से कहो यही रुक जाए)
रात से कहो यही रुक जाए (रात से कहो यही रुक जाए)
कट जाए ना कहीं ये रस्ता (कट जाए ना कहीं ये रस्ता)
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




घड़ी से कहो ज़रा थम के चले
चाँद से कहो चले आहिस्ता
रात से कहो यहीं रुक जाए
रात से कहो यहीं रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले
चाँद से कहो चले आहिस्ता
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)

होंश की हद से निकल कर हम
डूब ही जाए मस्ती मे
ऐसे भी क्या रखा है
एस दो दिन की हस्ती मे

हा होंश की हद से निकल कर हम (हे हे)
डूब ही जाए मस्ती मे (हो हो)
ऐसे भी क्या रखा है
एस दो दिन की हस्ती मे

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)

जिस के लिए बेचैन थे हम (हे हे)
आए जमाने राहत के (हो हो)
उम्र से लंबे हो जाए
काश ये लम्हे चाहत के

जिस के लिए बेचैन थे हम
आए जमाने राहत के
उम्र से लंबे हो जाए
काश ये लम्हे चाहत के

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए
रात से कहो यही रुक जाए
कट जाए ना कहीं ये रस्ता

घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)
चाँद से कहो चले आहिस्ता (चाँद से कहो चले आहिस्ता)
रात से कहो यही रुक जाए (रात से कहो यही रुक जाए)
रात से कहो यही रुक जाए (रात से कहो यही रुक जाए)
कट जाए ना कहीं ये रस्ता (कट जाए ना कहीं ये रस्ता)
घड़ी से कहो ज़रा थम के चले (घड़ी से कहो ज़रा थम के चले)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: RAAM LAXMAN, RAVINDRA RAWAL, TILAK RAJ THAPAR
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited
LyricFind




Lata Mangeshkar Ghadi Se Kaho Zaraa Video

Tags:
No tags yet