हम प्यार में जलनेवालों को
चैन कहाँ हाय आराम कहाँ
हम प्यार में जलनेवालों को
प्रीत की अंधियारी मंज़िल में चारों ओर सियाही
प्रीत की अंधियारी मंज़िल में चारों ओर सियाही
आधी राह में ही रुक जाये इस मंज़िल का राही
इस मंज़िल का राही
काँटों पर चलनेवालों को चैन कहाँ हाय आराम कहाँ
हम प्यार में जलनेवालों को
बहलाये जब दिल ना बहले तो ऐसे बहलायें
बहलाये जब दिल ना बहले तो ऐसे बहलायें
गम ही तो है प्यार की दौलत ये कहकर समझायें
ये कहकर समझायें
अपना मन छलनेवालों को चैन कहाँ हाय आराम कहाँ
हम प्यार में जलनेवालों को