हम थे जिनके सहारे
वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नय्या
सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे
वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नय्या
सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे
क्या मुहब्बत के वादे
क्या वफ़ा के इरादे
रेत की हैं दीवारें
जो भी चाहे गिरा दे
जो भी चाहे गिरा दे
हम थे जिनके सहारे
वो हुए ना हमारे
है सभी कुछ जहाँ में दोस्ती है वफ़ा है
अपनी ये कमनसीबी हमको ना कुछ भी मिला है
हमको ना कुछ भी मिला है
हम थे जिनके सहारे
वो हुए ना हमारे
यूँ तो दुनिया बसेगी तनहाई फिर भी डसेगी
जो ज़िंदगी में कमी थी वो कमी तो रहेगी
वो कमी तो रहेगी
हम थे जिनके सहारे
वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नय्या
सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे