जैसे राधा ने माला जपि श्याम की
जैसे राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
जैसे राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की हो पिया तेरे ही नाम की
राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
प्रीत क्या जुडी प्रीत क्या जुडी ड़ोर
क्या बँधी बिना जतन बिना यतन
हो गयी मैं नयी प्रीत क्या जुडी ड़ोर
क्या बँधी बिना जतन बिना यतन
हो गयी मैं नयी
बिना मोल की मैं बिकी बिना दाम की
राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
क्या तरंग है क्या तरंग है
क्या उमंग है मोरे अंग अंग रचा
पि का रंग है क्या तरंग है
क्या उमंग है मोरे अंग अंग रचा
पि का रंग है शर्म आयी कैसे
कहु बात श्याम की
राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
पा लिया तुझे पा लिया पा लिया तुझे
पायी हर ख़ुशी चाहु बार बार
चढ़ु तेरी पालकी पा लिया तुझे
पायी हर ख़ुशी चाहु बार बार
चढ़ु तेरी पालकी सुबह शाम की यह प्यास बड़े काम की
राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की हो पिया तेरे ही नाम की
राधा ने माला जपि श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की