जो बात अभी तक थी दिल मे
होंठो पे वो आ ही जाती है
होंठो पे वो आ ही जाती है
नादान बलम ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है
ये प्रीत जताई जाती है
होंठो की ज़रूरत ही क्या है
अफ़साना-ए-दिल कहने के लिए
होंठो की ज़रूरत ही क्या है
अफ़साना-ए-दिल कहने के लिए
चुप रहके कहानी उलफत की
आँखो से सुनाई जाती है
आँखो से सुनाई जाती है
नादान बलम ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है
ये प्रीत जताई जाती है
जब रात को तारे खिलते है
तन्हाई मे दो दिल मिलते है
जब रात को तारे खिलते है
तन्हाई मे दो दिल मिलते है
जब सारा ज़माना सोता है
तब प्रीत जगाई जाती
तब प्रीत जगाई जाती
नादान बलम ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है
ये प्रीत जताई जाती है