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Lata Mangeshkar - Kabhi Raat Din Hum Door The Lyrics

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Lata Mangeshkar - Kabhi Raat Din Hum Door The Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

तेरी आँख में है ख़ुमार सा
मेरी चाल में है सुरूर सा

तेरी आँख में है ख़ुमार सा
मेरी चाल में है सुरूर सा
यह बहार कुछ है खिले हुए
यह समां नशे में है चुर सा
यह समां नशे में है चुर सा
कभी इन फिजाओं में प्यास थी
अब्ब मौसम बरसात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

मुझे तुमने कैसे बदल दिया
हैरान हूँ मैं इस बात पर

मुझे तुमने कैसे बदल दिया
हैरान हूँ मैं इस बात पर
मेरा दिल धड़कता है आजकल
तेरी शौख नजरो से पूछकर
तेरी शौख नजरो से पूछकर
मेरी जान कभी मेरे बस में थी
अब्ब जिंदगी तेरे हाथ है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

यूँ ही आज तक रहे हम जुदा
तुम्हे क्या मिला हमें क्या मिला

यूँ ही आज तक रहे हम जुदा
तुम्हे क्या मिला हमें क्या मिला
कभी तुम खफा
कभी हम खफा
कभी यह गिला
कभी वो गिला
कभी यह गिला कभी वो गिला
कितने बुरे थे वह दिन सनम
कितनी हसीं यह रात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
कभी रात दिन हम दूर थे
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कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

तेरी आँख में है ख़ुमार सा
मेरी चाल में है सुरूर सा

तेरी आँख में है ख़ुमार सा
मेरी चाल में है सुरूर सा
यह बहार कुछ है खिले हुए
यह समां नशे में है चुर सा
यह समां नशे में है चुर सा
कभी इन फिजाओं में प्यास थी
अब्ब मौसम बरसात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

मुझे तुमने कैसे बदल दिया
हैरान हूँ मैं इस बात पर

मुझे तुमने कैसे बदल दिया
हैरान हूँ मैं इस बात पर
मेरा दिल धड़कता है आजकल
तेरी शौख नजरो से पूछकर
तेरी शौख नजरो से पूछकर
मेरी जान कभी मेरे बस में थी
अब्ब जिंदगी तेरे हाथ है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे

यूँ ही आज तक रहे हम जुदा
तुम्हे क्या मिला हमें क्या मिला

यूँ ही आज तक रहे हम जुदा
तुम्हे क्या मिला हमें क्या मिला
कभी तुम खफा
कभी हम खफा
कभी यह गिला
कभी वो गिला
कभी यह गिला कभी वो गिला
कितने बुरे थे वह दिन सनम
कितनी हसीं यह रात है
वह भी इत्तेफाक की बात थी
यह भी इत्तेफाक की बात है
कभी रात दिन हम दूर थे
दिन रात का अब्ब साथ है
कभी रात दिन हम दूर थे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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