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Lata Mangeshkar - Kuchh Aur Bahek Jaoon Lyrics

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Lata Mangeshkar - Kuchh Aur Bahek Jaoon Lyrics
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कुछ और बहक जाऊ, कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना खिल जौ महक जाऊ
खिल जौ महक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

कम कम है अभी नशा कम कम है अभी मस्ती
कम कम है अभी नशा कम कम है अभी मस्ती
थोड़ी सी अभी पी
थोड़ी सी अभी पी है थोड़ी सी अभी ली है
हसरत अभी बाकी है तू आज का साथी है
पीने दे पिलाने दे कुछ रंग पियाने दे
कम कम है, कम कम है अभी नशा
कम कम है अभी मस्ती
कुछ और बहक जाऊ, कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
ऐसी जल्दी
ऐसी जल्दी भी है क्या गरम होने दे फ़िज़ा
रात ढलने दे ज़रा शोक पलने दे ज़रा
डगमगाने दे कदम तेज़ होने दे लगान
मचले मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
लेहराऊ लेहक जाऊ, लेहराऊ लेहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
दिल और धकड़ने
दिल और धकड़ने दे आग और भड़कने दे
तब हुस्न सवा होगा आलम ही जुदा होगा
तब हुस्न सवा होगा आलम ही जुदा होगा
रग रग मे
रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
शोला सी दहक जाऊ शोला सी दहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ
कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ
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कुछ और बहक जाऊ, कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना खिल जौ महक जाऊ
खिल जौ महक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

कम कम है अभी नशा कम कम है अभी मस्ती
कम कम है अभी नशा कम कम है अभी मस्ती
थोड़ी सी अभी पी
थोड़ी सी अभी पी है थोड़ी सी अभी ली है
हसरत अभी बाकी है तू आज का साथी है
पीने दे पिलाने दे कुछ रंग पियाने दे
कम कम है, कम कम है अभी नशा
कम कम है अभी मस्ती
कुछ और बहक जाऊ, कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
ऐसी जल्दी
ऐसी जल्दी भी है क्या गरम होने दे फ़िज़ा
रात ढलने दे ज़रा शोक पलने दे ज़रा
डगमगाने दे कदम तेज़ होने दे लगान
मचले मचले हुए इस दिल को कुछ और मचलने दे
लेहराऊ लेहक जाऊ, लेहराऊ लेहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ

रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
दिल और धकड़ने
दिल और धकड़ने दे आग और भड़कने दे
तब हुस्न सवा होगा आलम ही जुदा होगा
तब हुस्न सवा होगा आलम ही जुदा होगा
रग रग मे
रग रग मे उतरने दे जज़्बात की गर्मी को
शोला सी दहक जाऊ शोला सी दहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ
कुछ और बहक जाऊ
तब मेरे करीब आना कुछ और बहक जाऊ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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