मे जिसे समजती रही दिया
वो तो रोशनी का फरेब था
यूही अपने होशो आवाज़ मे
कोई इसतरह से नई लूटा
मे हू वो दुआ
मे हू वो दुआ जो हे बेअसर
मे वो प्यास हू जो बुज़ी नहीं
मुझे ज़िंदगी की दुआ ना दे
मुझे ज़िंदगी की दुआ ना दे
मेरी ज़िंदगी से बनी नहीं
मेरी ज़िंदगी से बनी नहीं
कोई ज़िंदगी मे करे यकीन
मुझे ज़िंदगी मे यकीन नहीं
मेरी ज़िंदगी से बनी नहीं