हो तमन्ना लुट गई फिर भी
तेरे दम से मोहब्बत है
मुबारक गैर को खुशियाँ
मुझे गम से मोहब्बत है
ना मिलता गम तो बर्बादी
के अफसाने कहाँ जाते
ना मिलता गम तो बर्बादी
के अफसाने कहाँ जाते
अगर दुनिया चमन होती
तो वीराने कहाँ जाते
चलो अच्छा हुआ
अपनों में कोई ग़ैर तो निकला
जी कोई ग़ैर तो निकला
अगर होते सभी अपने तो
बेगाने कहाँ जाते
तो बेगाने कहाँ जाते
दुआए दो मोहब्बत हमनेमिटाकर तुमको सिखलाड़ी
दुआए दो मोहब्बत हमने मिटाकर तुमको सिखलाड़ी
न जलाते शामा में तो परवाने कहाँ जाते तो परवाने कहाँ जाते
अगर दुनिया चमन होती तो वीराने कहाँ जाते
तुम्ही ने गम की दौलत दी बड़ा एहसान फ़रमाया
बड़ा एहसान फ़रमाया
ज़माने भर के आगे हाथ फैलाने कहाँ जाते
ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते