जाके अब तो हर दर पे हम सदा करते है
जिनकी तक़दीर बिगड़ जाती है क्या करते है
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढून्ढ के देखा ज़माना
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढून्ढ के देखा ज़माना
पहुंचे जहां भी हम तो
लौट आये हार के
ऐ दिल पुकार देखा
एक एक द्वार पे
पहुंचे जहां भी हम तो
लौट आये हार के
ऐ दिल पुकार देखा
एक एक द्वार पे
सब से कहा तेरा दर्द मगर
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैं ने ढून्ढ के देखा ज़माना
मंदिर मस्जिद में जाके
की है फ़रयाद भी
मिलता जवाब तो क्या
आयी न आवाज़ भी
मंदिर मस्जिद में जाके
की है फर्याद भी
मिलता जवाब तो क्या
आयी न आवाज़ भी
मांगी दुआ मैंने लाख मगर
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैंने ढून्ढ के देखा ज़माना
ऐसा ये ग़म ही नहीं
कोई पहचान ले
ऐसा वो कौन है जो
दुःख मेरा जान ले
ऐसा यह ग़म ही नहीं
कोई पहचान ले
ऐसा वो कौन है जो
दुःख मेरा जान ले
खाली गली छाना सारा नगर
न तो दर्द गायणा दवा ही मिली
मैं ने ढून्ढ के देखा ज़माना है
न तो दर्द गया न दवा ही मिली
मैं ने ढून्ढ के देखा ज़माना