नील गगन की छाँव में दिन रैन गले से मिलते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ आ आ आ
नील गगन की छाँव में दिन रैन गले से मिलते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ आ आ आ
जब फूल कोई मुस्काता हैं
प्रीतम की सुगंध आ जाती हैं
नस नस में भँवर सा चलता हैं
मदमाती जल न तल पाती हैं
यादों की नदी घिर आती हैं
हर मौज में हम तो बहते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ आ आ आ
नील गगन की छाँव में दिन रैन गले से मिलते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं
कहता हैं समय का उजीयारा
एक चन्द्र भी आनेवाला हैं
इन ज्योत की प्यासी अखियन को
अंखियों से पिलानेवाला हैं
जब पात हवा से बजते हैं
हम चौंक के राहें तकते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ आ आ आ
नील गगन की छाँव में दिन रैन गले से मिलते हैं
दिल पंछी बन उड़ जाता हैं
हम खोये खोये रहते हैं