ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने तुझे
देखु तो अँखियों के प्यास बुझे
आँधियारे मन में तू ही प्यार की ज्योति
अब तू ही सहारा तेरी आस मुझे
ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने
तू रूठे हो रैन अंधेरे, भोर खिले मुस्कान पे तेरी
तू रूठे हो रैन अंधेरे, भोर खिले मुस्कान पे तेरी
रात दिन के फेरे खेल है ये तेरे
हो चाँद सूरज तेरे आगे झुके
ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने तुझे
देखु तो अँखियों की प्यास बुझे
ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने
जब देखु मैं रूप मे तेरे, सुख दुख में तू साथ है मेरे
तू ही धन है मेरा, आसरा है तेरा हो
दुनिया मैं भूलु पर ना भूलु तुझे
ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने तुझे
देखु तो अँखियों की प्यास बुझे
ओ मेरे कन्हैया मेरे श्याम सलोने