रोना ही लिखा था किस्मत में
रोना ही लिखा था किस्मत में
हम गीत खुशी के गा न सके
गा न सके
उजड़ी हुयी नगरी बस न सकी
उजड़ी हुयी नगरी बस न सकी
हम पा के भी तुमको पा न सके
पा न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में
ऐसा भी कोई मजबूर न हो
यूं कोई किसी से दूर न हो
ऐसा भी कोई मजबूर न हो
यूं कोई किसी से दूर न हो
हो ओ ओ ओ
रो रो के हसे मर मर के जिए
हम फिर भी उन्हें अपना न सके
ऐ ऐ ऐ
अपना न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में
इस रंग बदलती दुनिया में
हर मौसम आके बीत गया
इस रंग बदलती दुनिया में
हर मौसम आके बीत गया
आ आ आ आ
बहते हुए आँसू रुक जाते
वो दिन वो ज़माने आ न सके
ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ
आ न सके
रोना ही लिखा था किस्मत में