आ आ आ
साजन बिन नींद न आवे
साजन बिन नींद न आवे
बिरहसतावे उन बिन मोहें
कछु न भाये
कैसे कहूँ मैं कैसे कहूँ मैं
कैसे कहूँ मैं
साजन बिन नींद न आवे
मा प सा नी धा प मा प मा मा धा प मा आ आ
करके थोड़े दिन की प्रीत
मन से रूठे मन के मीत
करके थोड़े दिन की प्रीत
मन से रूठे मन के मीत
सुख के स्वपन दुःख के गीत
कैसे कहूँ मैं कैसे कहूँ मैं
कैसे कहूँ मैं
साजन बिन नींद न आवे
आ आ आ आ आ आ
तन को फुके मन की आग
मन को फुके विरह राग
तन को फुके मन की आग
मन को फुके विरह राग
अपनी अपनी सब के घर
कैसे कहूँ मैं कैसे कहूँ मैं
कैसे कहूँ मैं
साजन बिन नींद न आवे
साजन बिन नींद न आवे
बिरह सतवे तुझ बिन मोहे
कछु न भावे
कैसे कहूँ मैं कैसे कहूँ मैं
कैसे कहूँ मैं
साजन बिन नींद न आवे