सपने में सजन से दो बातें
इक याद रही इक भूल गए
सपने में सजन से दो बातें
इक रात मिलन की आई थी
और उस के बद जुदाई थी
ग़म और ख़ुशी की दो रातें
ग़म और ख़ुशी की दो रातें
इक याद रही इक भूल गए
सपने में सजन से दो बातें
इक सावन रुत लाई झूले
इक सावन रुत लाई झूले
दूजी में सजन हम को भूले
देखी हैं येही दो बरसातें
देखी हैं येही दो बरसातें
इक याद रही इक भूल गए
सपने में सजन से दो बातें
इक रोज़ तुम्हें दिल दे बेठे
फिर रोग बिरहा का ले बेठे
ये प्यार की हैं दो सौग़ातें
ये प्यार की हैं दो सौग़ातें
इक याद रही इक भूल गए
सपने में सजन से दो बातें
इक याद रही इक भूल गए
सपने में सजन से दो बातें