[ Featuring Talat Mahmood ]
हो होह ओहो
कहाँ छुपे हो मन के मितवा नैना भए उदास
छलक रहा है सुख का सागर हम प्यासे के प्यासे
हो हो
सावन के झूले पढ़े, सावन के झूले पड़े
सैंया जी हमें तुम कहाँ भूले पड़े
दे नैना जो तुमसे लड़े गोरी जी
तोरी पलकन के नीचे खड़े
सावन के झूले पढ़े
तुम नहीं आए हमको भूले
हमरे अँगना फुलवा ना फूले
हमको अकेली देख सहेली
कहती है क्यूँ ना खिलती चमेली
बेलरिया ना मंडवे चढ़े
सैंया जी हमें तुम कहाँ भूले पड़े
दे नैना जो तुमसे लड़े गोरी जी
तोरी पलकन के नीचे खड़े
सावन के झूले पड़े
ओ ओ
तोरे दिल में हमरा दिल है
जैसे तोरे नैन में तिल है
हमरे मिलन बिन ये मनभावन
सावन भी तो क्या है सावन
पीपल के पतवे झड़े ओ
ये तोरे-मोरे जब तक ना नैना लड़े
सावन के झूले पढ़े (सावन के झूले पढ़े)
ओ ओ