तेरे बिन सावन कैसे बिता
तेरे बिन सावन कैसे बिता तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन कैसे बिता
तेरे बिन सावन कैसे बिता तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन
गांव मे झूले जब लहराए
गीत मिलन सब ने गाये
सखियो ने पूछा बोल सखी री
तेरे साजन क्यो ना आए
फिर सखियो ने क्या क्या पूछा
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन कैसे बिता
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन
फूल चमन मे जब मुस्काये
पल पल बिता आस लगाए
कोयलिया ने राग तो छेड़ा
पायलिया ने गीत ना गाये
पग पग छलके नैन गागरिया
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन कैसे बिता
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन
लंबी रते घोर अंधेरा
मुझ संग जगा दीपक मेरा
हम दोनो ने भोर भरे तक
रो रो देखा रास्ता तेरा
क्या होता है दुख बिरहा का
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन कैसे बिता
तेरे बिन सावन कैसे बिता
तू क्या जाने बालमा
तेरे बिन सावन