ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ ओ ओ ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ सजना जियरा मोरा लहराए रे
उड़ उड़ जाए सर से चुनरिया
मुख से निकले हाय रे
ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ ओ ओ ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ सजना जियरा मोरा लहराए रे
आ आ आ आ आ आ
कोई रसिया कोई छलिया
मेरे मन को भाने लगा
कोई रसिया कोई छलिया
मेरे मन को भाने लगा
इस मिलन में इस लगन में
इक मज़ा सा आने लगा
आगे आगे लगन मेरे मन की
जाने क्या रंग लाए रे
ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ ओ ओ ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ सजना जियरा मोरा लहराए रे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
लट जो उलझी फिर न सुलझी
आ सजन सुलझा दे ज़रा
लट जो उलझी फिर न सुलझी
आ सजन सुलझा दे ज़रा
मैं न जानूं भेद मन के
तू ही अब समझा दे ज़रा
यूँ तो लागे नज़र तोरी प्यारी
फिर भी क्यों तड़पाये रे
ठंडी ठंडी चले रे हवा
हो ओ ओ ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ सजना जियरा मोरा लहराए रे
उड़ उड़ जाए सर से चुनरिया
मुख से निकल जाए हाय रे
ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ ओ ओ ठंडी ठंडी चले रे हवा
ओ सजना जियरा मोरा लहराए रे