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Umangon Ko Sakhi Video (MV)




Performed By: Lata Mangeshkar
Length: 3:32
Written by: Naushad, Shakeel Badayuni


theme

Lata Mangeshkar - Umangon Ko Sakhi Lyrics
Official




उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ

क़मर लचके मोरी भारी
गगारिया कैसे ले जौन

डगर मे रूप के लोभी
नगर मे मन के मेले है

नगर मे मन के मेले है

यहा पापी नज़रियो के
हज़ारो जाल फैले है

हज़ारो जाल फैले है

भरे बाज़ार मे बाली
उमारिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमँगो को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन

मोहे दुनिया से दर लागे
यहा लाखो है मतवाले

यहा लाखो है मतवाले

ना जाने कोई अलबेला मोहे
किस राग मे राग डाले

मोहे किस राग मे राग डाले

रगिलो मे भला कोरी
चुनरिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

लगा के हाथो मे मेहदी
रचा के नैनो मे रतिया

रचा के नैनो मे रतिया

दुलहानिया बनके निकली हू
मिलेगे आज मन बसिया

मिलेगे आज मन बसिया

साजन के द्वार से प्यासी
नज़रिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन
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उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

क़मर लचके मोरी
हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ

क़मर लचके मोरी भारी
गगारिया कैसे ले जौन

डगर मे रूप के लोभी
नगर मे मन के मेले है

नगर मे मन के मेले है

यहा पापी नज़रियो के
हज़ारो जाल फैले है

हज़ारो जाल फैले है

भरे बाज़ार मे बाली
उमारिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमँगो को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन

मोहे दुनिया से दर लागे
यहा लाखो है मतवाले

यहा लाखो है मतवाले

ना जाने कोई अलबेला मोहे
किस राग मे राग डाले

मोहे किस राग मे राग डाले

रगिलो मे भला कोरी
चुनरिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जाऊँ

लगा के हाथो मे मेहदी
रचा के नैनो मे रतिया

रचा के नैनो मे रतिया

दुलहानिया बनके निकली हू
मिलेगे आज मन बसिया

मिलेगे आज मन बसिया

साजन के द्वार से प्यासी
नज़रिया कैसे ले जाऊँ
क़मर लचके मोरी

हाय क़मर लचके मोरी
भारी गगारिया कैसे ले जाऊँ
उमंगों को सखी पी की
नगरिया कैसे ले जौन
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Writer: Naushad, Shakeel Badayuni
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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