ये मुँह और दाल मसूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
ज़रा देखो तो, ज़रा देखो तो सूरत हुज़ूर की
ज़रा देखो तो सूरत हुजूर की, हुजूर की, हुजूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
फीकी फीकी सूरत मिज़ाज तीखा तीखा
खा कर कहाँ से आये आज तीखा तीखा
फीकी फीकी सूरत, ओ फीकी फीकी
फीकी फीकी सूरत मिज़ाज तीखा तीखा
खा कर कहाँ से आये आज तीखा तीखा
मिज़ाज तीखा तिखा, जल जाये ना
जल जाये ना ज़बान हुजूर की
जल जाये न ज़बान हुजूर की, हुज़ूर की, ह॒जूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
बन्दर शहर का आया है गाँव में
बन्दर शहर का ये आया है गाँव में
मज़े से ही लाये तुम पीपल की छाँव में
बन्दर शहर का आया है गाँव में
मज़े से ही लाये तुम पीपल की छाँव में
पीपल की छाँव में
सूझी अंधे को, सूझी अंधे को कितनी है दूर की
सूझी अंधे को कितनी है दूर की, है दूर की, है दूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
ये मुँह और दाल मसूर की