ओहो ओ
ये महका मौसम और ये तन्हाई
ओहो ओ ये मौसम
तन पर पड़े फुलो के साए
तन पर पड़े फुलो के साए
आग सी लग जाए
आग सी लग जाए हाय
ओहो ओ ये मौसम
ओ जहाँ जाए ये निगाहे
देख लहराती ये फिजाए नज़ारो मे
शर्मीली दुल्हन जैसे कोई
शर्मीली दुल्हन जैसे कोई
मुस्कुराए हाए लजाए, लजाए
सपनो मे कही खोई
उनहू आहा आहा
ओहो ये महका मौसम और ये तन्हाई
ओहो ओ ये मौसम
ओ कलियों से भर डाली
देखो लचके यूँ मतवाली हवाओ मे
मुझे भी यूँ पवन कोई छू ले
मुझे भी यूँ पवन कोई छू ले
मन को फिर हाय झुलाए, झुलाए
अनदेखे कोई झूले उनहू आहा आहा
ओहो ये महका मौसम और ये तन्हाई
ओहो ओ ये मौसम
ओ हौले हौले जैसे भोले
पंछी उड़ते है पर खोले बहारो मे
मैं भी चाहूँ कहीं पे उड़ जाऊँ
मैं भी चाहूँ कहीं पे उड़ जाऊँ
रुत ये फिर हाय ना जाए, ना जाए
ऐसी नगमे सजाऊँ उनहू आहा आहा
ओहो ये महका मौसम और ये तन्हाई
ओहो ओ ये मौसम