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Zamane Men Aji Aise Koi Nadan Hota Video (MV)






Lata Mangeshkar - Zamane Men Aji Aise Koi Nadan Hota Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं
ज़माने में अजी

नादान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती
वहाँ ले जाते हैं कश्ती
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं

शमा की बज़्म में आ कर के परवाने समझते हैं
के परवाने समझते हैं
यहीं पर उम्र गुज़रेगी यह दीवाने समझते हैं
मगर इक रात के यह तो फ़क़त
मगर इक रात के यह तो फ़क़त मेहमान होते हैं
मगर इक रात के यह तो फ़क़त मेहमान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं

मोहब्बत सबकी मह्फ़िल में शमा बन कर नहीं जलती
शमा बन कर नहीं जलती
हसीनों की नज़र सब पे छुरी बन कर नहीं चलती
जो हैं तक़दीर वाले बस
जो हैं तक़दीर वाले बस वही क़ुर्बान होते हैं
जो हैं तक़दीर वाले बस वही क़ुर्बान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं
जहाँ में

डुबो कर दूर साहिल से नज़ारा देखनेवाले
नज़ारा देखनेवाले
लगा कर आग चुप के से तमाशा देखनेवाले
तमाशा आप बनते हैं
तमाशा आप बनते हैं तो क्यों हैरान होते हैं
तमाशा आप बनते हैं तो क्यों हैरान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं (वाह क्या बात हे )
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आ आ आ आ आ आ आ
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं
ज़माने में अजी

नादान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती
वहाँ ले जाते हैं कश्ती
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं

शमा की बज़्म में आ कर के परवाने समझते हैं
के परवाने समझते हैं
यहीं पर उम्र गुज़रेगी यह दीवाने समझते हैं
मगर इक रात के यह तो फ़क़त
मगर इक रात के यह तो फ़क़त मेहमान होते हैं
मगर इक रात के यह तो फ़क़त मेहमान होते हैं
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं

मोहब्बत सबकी मह्फ़िल में शमा बन कर नहीं जलती
शमा बन कर नहीं जलती
हसीनों की नज़र सब पे छुरी बन कर नहीं चलती
जो हैं तक़दीर वाले बस
जो हैं तक़दीर वाले बस वही क़ुर्बान होते हैं
जो हैं तक़दीर वाले बस वही क़ुर्बान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं
जहाँ में

डुबो कर दूर साहिल से नज़ारा देखनेवाले
नज़ारा देखनेवाले
लगा कर आग चुप के से तमाशा देखनेवाले
तमाशा आप बनते हैं
तमाशा आप बनते हैं तो क्यों हैरान होते हैं
तमाशा आप बनते हैं तो क्यों हैरान होते हैं
वहाँ ले जाते हैं कश्ती जहाँ तूफ़ान होते हैं (वाह क्या बात हे )
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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