ज़रा रुक रुक के ज़रा थम थम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मेरी अखियों में धार है काजल की, धार काजल की
मेरी जुल्फों में लहर है बादल की, धार बादल की
मेरी पायल में सुर है सरगम के
मेरी पायल में सुर है सरगम के
हो ज़रा रुक रुक के, हो ज़रा थम थम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मेरे दिल में लगन जब तेरी है मेरे दिल में
मेरे दिल में लगन जब तेरी है
फिर गम क्या जो रात अधेरी है
मेरी बिंदिया, हो मेरी बिंदिया का सैयां चम चम चमके
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मैंने देखी है झलक इक साजन की
इक साजन की अब प्यास बुझी
मेरी अखियन की मेरी अखियन की
जलि जोत ख़ुशी की गए दिन गम के
हो ज़रा रुक रुक के, हो ज़रा थम थम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के
मै तो द्वार चली सखि बालम के