माये नी मेरिए
शिमले दी राहें चम्बा कितनी दूर
माये नी मेरिये
शिमले दी राहें चम्बा कितनी दूर
शिमले नी वसना, कसौली नी वसना
शिमले नी वसना, कसौली नी वसना
चम्बे जाना ज़रूर
चम्बे जाना ज़रूर
माये नी मेरिये मेरिये मेरिये
चम्बा कितनी दूर
इन राहों पे मैं चल रहा
जिन राहों पे तेरा पता
ढूंढूँ तुझको ही बेवजह
अब जाने क्या हुआ
क्या खबर मैं खो गया
अब जाने क्या हुआ
क्या खबर मैं खो गया
तेरे ही ख़्वाबों में बीतें ये रातें
सपना क्यों लगती है तू
सपना क्यों लगती है तू
माये नी मेरिये
शिमले दी राहें (शिमले दी राहें)
चम्बा कितनी दूर
शिमले दी राहें