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Mahendra Kapoor - Chahe Yeh Mano Chahe Woh Mano Lyrics

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Mahendra Kapoor - Chahe Yeh Mano Chahe Woh Mano Lyrics
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काबे में रहो या काशी में हाँ
निस्बत तो उसी की ज़ात से है
हाँ तुम राम कहो के रहीम कहो
मतलब तो उसी की बात से है

मतलब तो उसी की बात से है

ये मस्जिद है वो बुतखाना
ये मस्जिद है वो बुतखाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
मानो ये मानो चाहे वो मानो (मानो ये मानो चाहे वो मानो)

ये मस्जिद है वो बुतखाना
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
भाई मकसद तो है दिल को समझाना
मकसद तो है दिल को समझाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)

ये मस्जिद है वो बुतखाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना

मकसद तो है दिल को समझाना

मकसद तो है दिल को समझाना (मकसद तो है दिल को समझाना)
ये मस्जिद है वो बुतखाना (ये मस्जिद है वो बुतखाना)
मकसद तो है दिल को (मकसद तो है दिल को)
समझाना समझाना समझाना (समझाना समझाना समझाना)

चाहे ये मानो
चाहे वो मानो
चाहे ये मानो
चाहे वो मानो

हाँ ये शेख बरहमन के
झगड़े है
आ आ
ये शेख बरहमन के झगड़े

सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)
ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
झगड़े झगड़े अजी हाँ हाँ (झगड़े झगड़े अजी हाँ हाँ)

ये शेख बरहमन हाँ

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

हमने तो है बस इतना जाना
भाई हमने तो है बस इतना जाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो

ओ गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो आ आ
गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
आ गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो

हर दर से मुरादें मिलती है
गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
हर दर से मुरादें मिलती है
मंदिर से मुरादें मिलती है (ओ)
मस्जिद से मुरादें मिलती है (आ)

मंदिर से मुरादें मिलती है (मंदिर से मुरादें मिलती है)
मस्जिद से मुरादें मिलती है (मंदिर से मुरादें मिलती है)
काबे से मुरादें मिलती है (काबे से मुरादें मिलती है)
काशी से मुरादें मिलती है (काशी से मुरादें मिलती है)

गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
हर दर से मुरादें मिलती है

हर दर से मुरादें मिलती है (हर दर से मुरादें मिलती है)

हर घर है उसी का काशाना
हर घर है उसी का काशाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो

हर घर है उसी का काशाना
ये मस्जिद है वो बुतखाना
मकसद तो है दिल को समझाना
हमने तो है बस इतना जाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना
मकसद तो है दिल को समझाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना (ये मस्जिद है वो बुतखाना)
मकसद तो है दिल को समझाना (मकसद तो है दिल को समझाना)
समझाना समझाना (समझाना समझाना)

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
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काबे में रहो या काशी में हाँ
निस्बत तो उसी की ज़ात से है
हाँ तुम राम कहो के रहीम कहो
मतलब तो उसी की बात से है

मतलब तो उसी की बात से है

ये मस्जिद है वो बुतखाना
ये मस्जिद है वो बुतखाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
मानो ये मानो चाहे वो मानो (मानो ये मानो चाहे वो मानो)

ये मस्जिद है वो बुतखाना
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
भाई मकसद तो है दिल को समझाना
मकसद तो है दिल को समझाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)
चाहे ये मानो चाहे वो मानो (चाहे ये मानो चाहे वो मानो)

ये मस्जिद है वो बुतखाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना

मकसद तो है दिल को समझाना

मकसद तो है दिल को समझाना (मकसद तो है दिल को समझाना)
ये मस्जिद है वो बुतखाना (ये मस्जिद है वो बुतखाना)
मकसद तो है दिल को (मकसद तो है दिल को)
समझाना समझाना समझाना (समझाना समझाना समझाना)

चाहे ये मानो
चाहे वो मानो
चाहे ये मानो
चाहे वो मानो

हाँ ये शेख बरहमन के
झगड़े है
आ आ
ये शेख बरहमन के झगड़े

सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)
ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
झगड़े झगड़े अजी हाँ हाँ (झगड़े झगड़े अजी हाँ हाँ)

ये शेख बरहमन हाँ

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

ये शेख बरहमन के झगड़े (ये शेख बरहमन के झगड़े)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)
सब नासमझी की बाते है (सब नासमझी की बाते है)

हमने तो है बस इतना जाना
भाई हमने तो है बस इतना जाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो

ओ गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो आ आ
गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
आ गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो

हर दर से मुरादें मिलती है
गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
हर दर से मुरादें मिलती है
मंदिर से मुरादें मिलती है (ओ)
मस्जिद से मुरादें मिलती है (आ)

मंदिर से मुरादें मिलती है (मंदिर से मुरादें मिलती है)
मस्जिद से मुरादें मिलती है (मंदिर से मुरादें मिलती है)
काबे से मुरादें मिलती है (काबे से मुरादें मिलती है)
काशी से मुरादें मिलती है (काशी से मुरादें मिलती है)

गर जज़्ब-इ-मुहब्बत सादिक़ हो
हर दर से मुरादें मिलती है

हर दर से मुरादें मिलती है (हर दर से मुरादें मिलती है)

हर घर है उसी का काशाना
हर घर है उसी का काशाना

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो

हर घर है उसी का काशाना
ये मस्जिद है वो बुतखाना
मकसद तो है दिल को समझाना
हमने तो है बस इतना जाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना
मकसद तो है दिल को समझाना

ये मस्जिद है वो बुतखाना (ये मस्जिद है वो बुतखाना)
मकसद तो है दिल को समझाना (मकसद तो है दिल को समझाना)
समझाना समझाना (समझाना समझाना)

चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
चाहे ये मानो चाहे वो मानो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: N DUTTA, SAHIR LUDHIANVI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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