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Kaam Krodh Aur Lobh Ka Mara Jagat Video (MV)






Mahendra Kapoor - Kaam Krodh Aur Lobh Ka Mara Jagat Lyrics
Official




काम क्रोध ओर लोभ का मारा जगत ना आया रास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

कलजुग तक चलती आई है सतजुग की ये रीत
कलजुग तक चलती आई है सतजुग की ये रीत
सब कुछ हार चुके हो अपना तब राम की हो जीत
जुग बदले जग बदला पर बदल ना पाया अब तक ये इतिहास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

छोड़ के अपने महल दोमहले जंगल जंगल फिरना
छोड़ के अपने महल दोमहले जंगल जंगल फिरना
ओरो के सुख चैन की खातिर दुख संकट मे घिरना
है यही राम के लेख की रेखा आ गया अब विश्वास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

राम हर एक जुग मे आए पर कौन उन्हे पहचाना
राम हर एक जुग मे आए पर कौन उन्हे पहचाना
राम की पूजा की जग ने पर राम का अर्थ ना जाना
तकते तकते बूढ़े हो गये धरती ओर आकाश
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास
काम क्रोध ओर लोभ का मारा जगत ना आया रास
जब जब राम ने जानम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास
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काम क्रोध ओर लोभ का मारा जगत ना आया रास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

कलजुग तक चलती आई है सतजुग की ये रीत
कलजुग तक चलती आई है सतजुग की ये रीत
सब कुछ हार चुके हो अपना तब राम की हो जीत
जुग बदले जग बदला पर बदल ना पाया अब तक ये इतिहास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

छोड़ के अपने महल दोमहले जंगल जंगल फिरना
छोड़ के अपने महल दोमहले जंगल जंगल फिरना
ओरो के सुख चैन की खातिर दुख संकट मे घिरना
है यही राम के लेख की रेखा आ गया अब विश्वास
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास

राम हर एक जुग मे आए पर कौन उन्हे पहचाना
राम हर एक जुग मे आए पर कौन उन्हे पहचाना
राम की पूजा की जग ने पर राम का अर्थ ना जाना
तकते तकते बूढ़े हो गये धरती ओर आकाश
जब जब राम ने जनम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास
काम क्रोध ओर लोभ का मारा जगत ना आया रास
जब जब राम ने जानम लिया तब तब पाया वनवास
तब तब पाया वनवास
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Writer: C. RAMACHANDRA, SAHIR LUDHIANVI, C Ramchandra
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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